सूखे के कम आकलन की रिपोर्ट पर भड़के किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी । तीन महीने से पड़े सूखे की वजह से मटर की फसल बर्बाद होने के बावजूद प्रशासन ने केवल 5 प्रतिशत फसल को ही सूखे से प्रभावित बताया ।

गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला

पुरोला घाटी में मटर की  नगदी फसल  के सूखे की चपेट में आने के बावजूद प्रशासन द्वारा केवल 5 प्रतिशत फसल को सुखा प्रभावित की रिपोर्ट उच्चधिकारियों को भेजे जाने पर किसानों में आक्रोश है ।  किसानों ने उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी को ज्ञापन देकर प्रशासन को सही आकलन कर रिपोर्ट भेजने  की मांग की है । 


ज्ञापन पर किसानों ने प्रशासन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च स्तर पर सूखा प्रभावित फसलों की रिपोर्ट मांगी गई थी जिसमे पुरोला क्षेत्र में उत्पादित मटर को लेकर राजस्व प्रशासन ने कुछ दिन पहले भेजी रिपोर्ट में केवल 5 प्रतिशत फसल को सुखा प्रभावित दिखाया गया है ।  जबकि  सूखे की चपेट में आने से अबतक लगभग 60 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गयी है। ज्ञापन में किसानों ने राजस्व प्रशासन पर आक्रोश व्यक्त करते हुए मांग की है कि सूखे की चपेट में आई फसल का उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दुबारा रिपोर्ट बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों के साथ अन्याय न हो ।

 किसानों ने कहा कि पिछले 3 माह से बारिश नही हो रही है जिसके चलते मटर की फसल लगभग पूरी सूख गई है।ज्ञापन में किसानों ने कहा कि यदि मटर की फसल का सही सही आकलन कर रिपोर्ट नही भेजी गई तो क्षेत्र के गांव गांव से किसान शासन-प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे।


किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से यह भी अवगत करवाया कि केसीसी ऋण में किसानों से फसली बीमा करवाया जाता है लेकिन फसलों के खराब होने पर वह न तो समय से आता है और न ही पूरे बीमें की राशि मिलती है कई बार अपने जेब से और भी रुपये जमा करना पड़ता है। ज्ञापन देने वालों में राजपाल पंवार,नवीन गैरोला,भगवान सिंह शर्मा,बलवीर चंद,प्रेम लाल,हरीश कुमार,दयाराम,लक्ष्मण,सोबेन्द्र सिंह,अमीन सिंह,धीरज सिंह,भजन सिंह,धनवीर,लायबर सिंह,प्रवेश सिंह,अमीचन्द शाह व प्रेम सिंह सहित दर्जनों किसान शामिल थे।

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