गजेन्द्र सिंह चौहान पुरोला
उत्तरकाशी जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का प्रथम चरण कल यानी 24 जुलाई को सम्पन्न हो गया है। पुरोला ब्लॉक की हुड़ौली जिला पंचायत सीट से कविता शाह, जमुना शाह, रीना शाह व संतोषी देवी चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रही थीं। चारों प्रत्याशियों ने मैदान में जोर आजमाइश भी खूब की । चारों प्रत्याशियों में यों तो जमुना शाह अच्छी शैक्षिक योग्यता रखती थी पर पहली बार राजनीति के क्षेत्र में आने की वजह से वे अपनी छाप नहीं छोड़ पाई या यो कहे कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के चलते वे अपनी निजी पहचान चुनाव पूर्व नहीं बना सकी । यद्यपि जमुना शाह ने चुनाव के उद्घोष के साथ ही ग्राम पंचायत ढकाडा, मैराना, करड़ा, चपटाडी व खलाड़ी के लोगो की बैठक में एक अन्य प्रत्याशी को अपने समर्थन में बैठाकर एक रणनीतिक बढ़त बना ली थी। किन्तु जमुना शाह के बारे में उपरोक कथन उनके ससुर जयपाल शाह के निजी संबंधों के आधार पर ही कहा जाएगा । जमुना शाह के पूरे चुनाव अभियान का मुख्य चेहरा उनके ससुर जयपाल शाह ही रहे । यानी चुनाव रणनीति में जमुना शाह खुद को चेहरा नहीं बना पाई व अच्छी शैक्षिक योग्यता रखने के बावजूद इसका लाभ नहीं ले पाई ।
हुडौली वार्ड से अन्य प्रत्याशी संतोषी देवी भी जमुना शाह की भांति खुद को चेहरा बनाकर वोट नहीं मांग पाई व उनका पूरा अभियान उनके पति कुलदीप जो कि पूर्व में प्रधान रहे है के नाम से ही संचालित हुआ ।
एक अन्य प्रत्याशी रीना शाह का चुनाव प्रचार शुरुआती चरण के बाद धार नहीं दे सका व चुनावी समर में मतदाताओं के बीच वे पूरी ताकत से अपनी बात नहीं रख सकी ।
अब बात कविता शाह की करे तो वे पूर्व में भी मामूली अंतर से जिला पंचायत का चुनाव हारी है जिस कारण उन्हें पहले से ही पहचान मिली हुई थी । कविता शाह विकासखंड स्तर पर सरकार द्वारा पोषित योजनाओं में कार्य करती रही हैं जिस कारण उनका लोगो से चुनाव पूर्व से ही संपर्क था जिसका फायदा उन्हें मिला व कविता के मतदाताओं के बीच आने से पहले ही उनका नाम हर जुबा व घर में पहुंच चुका था।
कविता के पति का देहांत कुछ समय पूर्व हो गया था जिस कारण उन्हें आम जनता के बीच एक सहानभूति भी मिली ।
कविता शाह ने एक तरफ खुद की पहचान से वोट मांगे तो वही उनके समर्थन में बीजेपी के तमाम नेताओं जैसे ओबीसी मोर्चा के पूर्व गढ़वाल सह संयोजक सुनील भंडारी, पूर्वे मंडल अध्यक्ष विनोद असवाल, पूर्व जिला महामंत्री महिला मोर्चा राजबाला रावत,पूर्व मंडल महामंत्री राजेश भंडारी व ठेकेदार यूनियन अध्यक्ष दयाराम नेगी आदि ने भी प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
खैर उपरोक्त सभी प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद है, कौन विजय होगा ये तो मतपेटी खुलने के बाद ही पता चलेगा किंतु इस चुनाव की सुर्ख़ियों को कविता बटोर कर ले गई ये बात अक्षरस सत्य है।
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