गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला
अभी तक आपने पढ़ा:-
इस संपादकीय विशेष में आज हम नगर पंचायत पुरोला के पूर्व अथवा निवर्तमान अध्यक्ष हरिमोहन नेगी द्वारा कराए गए विकास कार्यो पर चर्चा कर रहे हैं । यहां पर उन्हें पूर्व लिखूं या निवर्तमान इस पर मैं इष्टपस्ट नही हु , क्योंकि कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें गंभीर वित्तीय अनियमिताओं के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया गया । तथापि सरकार आजतक कोई भी आरोप पत्र के साथ उनपर वित्तीय अनियमितताओं के मामले में उनपर कोई प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज नही करा सकी हैं ।
दूसरी ओर तत्कालीन सभासदों ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर उनपर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं व मामला हाईकोर्ट में गतिमान है ।
अब आइये हरिमोहन नेगी का विकास मॉडल क्यो बीजेपी नेताओं की एक दुखती रग है व उनके लिए एक नासूर बन गया है । हरिमोहन का विकास मॉडल ऐसा नासूर बन गया है कि बीजेपी नेता इस पर जनता के सवालों का जवाब नही दे पाते हैं ओर वे सवाल पूछने वालों से दूरी बना के चलते हैं ।
आइये पहले विगत पांच वर्षों में भाजपा नेताओं द्वारा कराए गये विकास कार्यो की चर्चा कर लेते हैं । भाजपा नेताओं के विकास कार्यो में पुरोला व मोरी विकास खंडों में सर्वप्रथम लगभग 20 करोड़ की सासंद निधि के विकास कार्यों की चर्चा करते हैं जो अलग; अलग सांसदों की निधि से खर्च हुआ है । दोनों विकास खंडों में सांसद निधि का जमीन पर कही भी कोई बोर्ड नही दिखाई देता है, जिस कारण भाजपा नेता किसी भी मंच से कभी सांसद निधि द्वारा कराये गये विकास कार्यो का उल्लेख नही करते । मामला इष्टपस्ट है कि सांसद निधि का भाजपा नेताओं में बंदर बांट हुई है ।
भाजपा नेताओं ने विगत पांच वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा विकास कार्य जिला योजना के रूप में किया है । पुरोला व मोरी विकास खंडों में विगत पांच वर्षों में लगभग 100 करोड़ रुपये जिला योजना मद में खर्च किये गए हैं जो कि धरातल पर कही नजर नही आ रहा है ।
अब आगे पढिये :-
सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता जनता से कितने दूर चले गए इसका ट्रेलर आप लोकसभा चुनाव में देख चुके हैं । भाजपा के किसी नेता के पास जनता के सवालों के जवाब नही है, सांसद निधि व जिला योजना को हड़पने की होड़ में अंधे हो चुके भाजपा नेता इन योजनाओं के बोर्ड तक लगाना भूल गए है । यहाँ तक कि विगत पांच वर्षों में भाजपा नेताओं को सत्ता का अभिमान कुछ इस कदर हो गया था कि वे खुलेआम ये कहते सुने जाते रहे कि उन्हें जनता ने नही ऊपर वाले ने मनोनीत किया है , हमे जनता को नही अपितु ऊपर वाले को खुश रखना है जो हमे तरक्की देगा । यही नही यहां का हर नेता अकसर किसी गैरोला भाईसाहब की बात करते नही थकते है, या यों कहें कि यहाँ के हर नेता में गैरोला भाईसाहब का कृपापात्र बनने की होड़ सदेव बनी रहती है । अब जनता कह रही है कि चुनाव लड़ना है तो गैरोला भाई साहब से वोट की कृपा मांग लो, जब पांच साल गैरोला भाईसाहब की कृपा बनी रही है तो आगे भी बनी रहेगी ।
खैर सांसद निधि व जिला योजना का भूत सामान्य जाती के नेताओं के लिए ही नही अपितु आरक्षित श्रेणी के नेताओं के लिए भी सबसे बड़ी एन्टी इनकंबेंसी बना हुआ है । आरक्षित श्रेणी में भी सबसे बड़ी चुनौती बन चुके बिहारी लाल की काट के लिए भी भाजपा के पास कोई चेहरा नही है । आरक्षित श्रेणी में भी कोई ऐसा नेता नही है जिसने जनता व कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर उपरोक्त दोनों योजनाओं को नही डाकारा हो । जनता का गुस्सा तो भाजपा नेता लोकसभा चुनाव में देख चुके हैं, जिस कारण कोई भी आगामी चुनाव में मुकाबला करने की हिम्मत नही जुटा पा रहा है । कुल मिलाकर भाजपा नेताओं को अब सिर्फ जय श्रीराम के नारे पर भरोसा है , अब तो राम ही जान बचाये, बेड़ा पार लगाये ।
संपादकीय अभी अपडेट हो रहा है , सम्मानित पाठको के बीच हरिमोहन नेगी व भाजपा नेताओं के विकास मॉडल का तुलनात्मक विश्लेषण तथ्यों के साथ रखा जायेगा, जिससे वे खुद विकास की परिभाषा को स्वयं से लिख पाएंगे । साथ ही यहां भ्रष्टाचार का तथ्यात्मक विश्लेषण भी किया जायेगा किन्तु सबूतों के अभाव में उनपर जोर नही दिया जायेगा ।
0 टिप्पणियाँ