भाजपा के वंशवाद पर बॉबी पंवार का प्रहार कितना कारगर । जिले से लेकर मंडल कार्यकारणी में 15 वर्षो से कब्जा जमाये लोगो के खिलाफ आक्रोश की अनदेखी भाजपा को पड़ा भारी । 400 पार का नारा देने वाली भाजपा को टिहरी की लहर ने 200 पार की जंग में कैसे उलझाया । How effective was Bobby Panwar's attack on BJP's dynasty politics? Ignoring the anger against the people who have occupied the district and divisional executive positions for 15 years has cost the BJP dearly. How did the Tehri wave embroil BJP, which gave the slogan of 400 par, in the battle of 200 par?

 गजेन्द्र सिंह चौहान

उत्तराखंड की समस्त लोकसभा सीटो पर मतदान गत 19 अप्रैल को सम्पन्न हो चुका है व चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का भाग्य का फैसला EVM के नतीजे आने के बाद ही सामने आएंगे । ऐसे में जिस वंशवाद की खिलाफत प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में हमेशा उल्लेख करते हैं , वही वंशवाद टिहरी लोकसभा में भाजपा को उल्टा पड़ा । वही भाजपा में प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिलों व मंडल कार्यकारिणी में विगत 15 वर्षों से कब्जा जमाये लोगो के खिलाफ भारी जन आक्रोश से पूरे चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता मात्र तमाशबीन बने रहे व आदेशो का पालन करते हुए कभी झंडे लगा रहे थे तो कभी 400 पार का नारा लगा रहे थे ।

एक माह पहले जहां  भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह था व 400 पार का नारा हकीकत नजर आ रहा था । मगर टिहरी लोकसभा से बॉबी पंवार की उम्मीदवारी ने सारा खेल बिगाड दिया । सुरुवात में बॉबी पंवार को भाजपा ने हल्के से लिया व इसबार रिकार्ड जीत की उम्मीद के साथ राज्य लक्ष्मी शाह को टिकट दे दिया । इसके बाद वर्षो से दबा गुस्सा आक्रोश में तब्दील हुआ व लोग खुलकर बॉबी पंवार के समर्थन में आ गए ।

बात इतनी न बिगड़ती अगर वर्षो से पार्टी के संगठन पर काबिज लोगो के द्वारा सांसद निधि की बंदरबांट का मामला जनता के सम्मुख उजागर न होता । जो लोग रोज मोदी- मोदी का नारा लगा रहे थे अचानक वही लोग अबकी बार बॉबी पंवार का नारा देने लगे । 


लोकसभा चुनाव के बीच नेहा नामक महिला नेत्री ने बॉबी पंवार के खिलाफ एक बयान दिया कि उनकी जमानत जफ्त हो जाएगी । बता दे कि नेहा खुद के लिए लोकसभा का टिकट मांग रही थी पर भाजपा ने उन्हें टिकट नही दिया । यही नही नेहा खुद भी वंशवाद का प्रतिनिधित्व करती है जिसकारण जनता में उनके बयान को कोई तवज्जो नहीं मिली ।

एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी अक्सर वंशवाद की खिलाफत करते हैं व कांग्रेस पार्टी को एक ही परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बताते हैं । उनके भाषणों के उलट भाजपा प्रदेश, जिला व मंडल कार्यकारिणी कुछ लोगों की लिमिटेड कंपनी बन गई है । भाजपा व कांग्रेस में अंतर मात्र इतना है कि कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम करती है व उत्तराखंड भाजपा लिमिटेड कंपनी की तरह काम करती है । जहां वर्षो से लोग  पार्टी में विभिन्न पदों पर बैठकर सत्ता सुख भोग रहे हैं वही आम कार्यकर्ता सासंद की सूरत देखने को तरसता रहा । यही नही पार्टी के मंडलों व जिला में विभिन्न पदों पर चाचा- भतीजे व भाई- भाई बिराजमान है जो आम कार्यकर्ता को चिढ़ाते नजर आते हैं । 

कुल मिलाकर भाजपा के 400 पार का नारा जो पहले हकीकत लग रहा था वो अब दूर का स्वप्न नजर आ रहा है । अगर भाजपा ने भ्रष्टाचार व पार्टी में कुछ लोगो के वर्चस्व को समाप्त नही किया तो आने वाला समय पार्टी के लिए मुश्किल होगा ।

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