गजेन्द्र सिंह चौहान
उत्तराखंड की समस्त लोकसभा सीटो पर मतदान गत 19 अप्रैल को सम्पन्न हो चुका है व चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का भाग्य का फैसला EVM के नतीजे आने के बाद ही सामने आएंगे । ऐसे में जिस वंशवाद की खिलाफत प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में हमेशा उल्लेख करते हैं , वही वंशवाद टिहरी लोकसभा में भाजपा को उल्टा पड़ा । वही भाजपा में प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिलों व मंडल कार्यकारिणी में विगत 15 वर्षों से कब्जा जमाये लोगो के खिलाफ भारी जन आक्रोश से पूरे चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता मात्र तमाशबीन बने रहे व आदेशो का पालन करते हुए कभी झंडे लगा रहे थे तो कभी 400 पार का नारा लगा रहे थे ।
एक माह पहले जहां भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह था व 400 पार का नारा हकीकत नजर आ रहा था । मगर टिहरी लोकसभा से बॉबी पंवार की उम्मीदवारी ने सारा खेल बिगाड दिया । सुरुवात में बॉबी पंवार को भाजपा ने हल्के से लिया व इसबार रिकार्ड जीत की उम्मीद के साथ राज्य लक्ष्मी शाह को टिकट दे दिया । इसके बाद वर्षो से दबा गुस्सा आक्रोश में तब्दील हुआ व लोग खुलकर बॉबी पंवार के समर्थन में आ गए ।
बात इतनी न बिगड़ती अगर वर्षो से पार्टी के संगठन पर काबिज लोगो के द्वारा सांसद निधि की बंदरबांट का मामला जनता के सम्मुख उजागर न होता । जो लोग रोज मोदी- मोदी का नारा लगा रहे थे अचानक वही लोग अबकी बार बॉबी पंवार का नारा देने लगे ।
लोकसभा चुनाव के बीच नेहा नामक महिला नेत्री ने बॉबी पंवार के खिलाफ एक बयान दिया कि उनकी जमानत जफ्त हो जाएगी । बता दे कि नेहा खुद के लिए लोकसभा का टिकट मांग रही थी पर भाजपा ने उन्हें टिकट नही दिया । यही नही नेहा खुद भी वंशवाद का प्रतिनिधित्व करती है जिसकारण जनता में उनके बयान को कोई तवज्जो नहीं मिली ।
एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी अक्सर वंशवाद की खिलाफत करते हैं व कांग्रेस पार्टी को एक ही परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बताते हैं । उनके भाषणों के उलट भाजपा प्रदेश, जिला व मंडल कार्यकारिणी कुछ लोगों की लिमिटेड कंपनी बन गई है । भाजपा व कांग्रेस में अंतर मात्र इतना है कि कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम करती है व उत्तराखंड भाजपा लिमिटेड कंपनी की तरह काम करती है । जहां वर्षो से लोग पार्टी में विभिन्न पदों पर बैठकर सत्ता सुख भोग रहे हैं वही आम कार्यकर्ता सासंद की सूरत देखने को तरसता रहा । यही नही पार्टी के मंडलों व जिला में विभिन्न पदों पर चाचा- भतीजे व भाई- भाई बिराजमान है जो आम कार्यकर्ता को चिढ़ाते नजर आते हैं ।
कुल मिलाकर भाजपा के 400 पार का नारा जो पहले हकीकत लग रहा था वो अब दूर का स्वप्न नजर आ रहा है । अगर भाजपा ने भ्रष्टाचार व पार्टी में कुछ लोगो के वर्चस्व को समाप्त नही किया तो आने वाला समय पार्टी के लिए मुश्किल होगा ।
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