गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला
उत्तराखंड में इस बार का चुनाव हर मायने में रोमांचक रहा ।एक तरफ सुरुवात में भाजपा को एक तरफा जीत नजर आ रही थी तो कांग्रेस चारो खाने चित नजर आ रही थी । लेकिन नामांकन होते ही टिहरी, पौड़ी व हरिद्वार में जन आक्रोश को देखकर भाजपा पदाधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे ।
इस बार के चुनाव में जिन गांवों में धामी सरकार ने दिल खोलकर विकास योजनाओं की सौगात दी , उन्ही गांवों में भाजपा के खिलाफ सर्वाधिक आक्रोश नजर आया । क्या वजह थी कि विकास योजनाओं की सौगात भाजपा को उल्टा दांव पड़ा, इसका मूल कारण था विकास के नाम पर चहेतों की झोली में भ्रष्टाचार का पैसा भरना ।
टिहरी लोकसभा के अंतर्गत उत्तरकाशी जनपद के 7 गांवों ने चुनाव बहिष्कार कर धामी सरकार को बड़ा आयना दिखाकर आक्रोश जताया । बता दे कि इममेसे एक गांव मोरी विकासखंड का कासला भी है जहाँ के लिए मुख्यमंत्री धामी ने एक करोड़ से अधिक की विकास योजना की स्वीकृति दी है ।
इसके अतिरिक्त जिन गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत करोड़ो रुपये की योजनाओं के माध्यम से भाजपा समर्थक ठेकेदारों के वारे न्यारे किये गए उन गांवों में भी भाजपा के खिलाफ भारी आक्रोश नजर आया ।
कुल मिलाकर इस बार का चुनाव जनता बनाम भाजपा समर्थक ठेकेदार रहे । कारण इन ठेकेदारों के माध्यम से भाजपा सरकार ने खुलेआम भ्रष्टाचार के माध्यम से चंद लोगो के घर भरे, जो आम जनता को हजम नही हुआ । एक तरफ आपदाग्रस्त नहरे थी तो दूसरी तरफ अच्छी खासी जगहों पर करोड़ों के आपदा कार्य आम जनता को चिढ़ा रहे थे । कुल मिलाकर भ्रष्टाचार का मकड़जाल में इस बार खुद भाजपा सरकार फंसती नजर आ रही थी ।
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