गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला
पुरोला विधानसभा उत्तराखंड की गिनी चुनी सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली विधानसभाओं में से एक है । विधानसभा के एक छोर से दूसरे छोर की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 250 किमी है । यहां के बाजारों की बात करे तो डामटा, बर्निगाड, नौगांव, गडोली, पुरोला, मोरी, नैटवाड़, सांकरी व आराकोट यहां के प्रमुख भीड़भाड़ वाले बाजार है । इसके अतिरिक्त कपनोल, कुँवा, हुडोली, बसन्तनगर व गुंडियातगांव यहां के अन्य भीड़भाड़ वाले बाजार है ।
यहां की सबसे बड़ी बात ये है कि यहाँ के अधिकांश नेट जनप्रतिनिधि बनने के बाद शराब व शराबियों के आदि बन जाते हैं । जिस कारण जनता उन्हें पूरी तरह नकारा देती है व बाद में उनका स्तर ठेकेदारी तक ही सीमित हो जाता है । केवल चंद नेता ही उनमेसे ऐसे निकले जो अपनी लोकप्रियता बरकरार रख सखे ।
खैर हम मुख्यमंत्री धामी की लोकप्रियता की करे तो उससे पहले हम पूर्व मुख्यमंत्री की लोकप्रियता की वजह भी जान लेते हैं । पहली बात तो रंवाई जाती को ओबीसी का दर्जा दिलाकर उन्होंने यहां के जन जन के दिल मे जगह बनाई । दूसरी वजह यहां के लोगो से उनका निजी लगाव भी रहा है, यहां का व्यक्ति उनसे अकसर ऐसे मिलता रहा जैसे कि वो अपने ही बीच के हो ।
अब बात करे धामी की तो अपने पहले कार्यकाल की नौगांव में हुई जनसभा को छोड़कर उन्होंने हर जनसभा में जनता का दिल जीत है । सड़क , शिक्षा व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निराकरण को उनके द्वारा जो घोषणाएं की गई वे उनपर अमली जामा भी पहनाया ।
इससे पूर्व में हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए उप तहसील जैसी जो भी घोषणा की थी उनपर आजतक अमल नही हुआ है ।
यही नही आजतक पुरोला विधानसभा के लोगो को पार्टी में उच्च प्रतिनिधित्व देने से गुरेज किया जाता था, किंतु धामी युग के बाद प्रदेश स्तर पर यहां के लोगो की पूछ होने लगी । प्रदेश स्तर पर पहली बार मोर्चो में यहां के नेताओं को जगह मिलना इस बात का सबूत है ।
पहली बार पुरोला विधानसभा से पूर्व विधायक राजकुमार को दायित्व देकर उन्हें बागवानी विकास परिषद का उपाध्यक्ष बनाने पर यहां की जनता ने मुख्यमंत्री धामी का दिल खोलकर आभार जताया हैं । जैसे ही राजकुमार को दायित्व मिलने की खबर मिली लोगो ने आतिशबाजी के साथ जमकर मुख्यमंत्री धामी के समर्थन में नारेबाजी कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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