गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में पुरोला विधानसभा के अंतर्गत तमाम विकास कार्य गतिमान है । मुख्यमंत्री धामी ने चुनाव अभियान में जनता से जो जो वादे किए वे उनको एक एक करके पूरा कर रहे हैं । उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने मुखारविंद से पुरोला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिलाअस्पताल बनाने की घोषणा की थी जो कि अब पूरी हो चुकी है । इसी तरह उन्होंने महाविद्यालय पुरोला के लिए जो भी घोषणा की थी उसपर भी पूरी तरह अमल किया । इसी तरह सड़क निर्माण हो चाहे बाढ़ सुरक्षा मुख्यमंत्री धामी पुरोला के विकास के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने में जुटे हैं ।
विकास मुख्यमंत्री करेंगे तो जनता में छवि भी उनकी ही निखरेगी
जगजाहिर है जनता के बीच लोकप्रिय वही नेता होता है जो जनता के लिए समर्पित हो । जब भी मुख्यमंत्री किसी भी घोषणा को अमली जामा पहनाते है तो वो खबर मीडिया की सुर्खियों को बटोरती है । ये भी जगजाहिर है कि मुख्यमंत्री के कार्यो का श्रेय कोई भी पुरोला विधानसभा के अंतर्गत अन्य नेताओ को नही दे रहा है तो मीडिया में भी उन्हें कोई स्थान नही मिलता हैं ।
मुख्यमंत्री के कार्यो का श्रेय न मिलने से आहत एक नेता ने अपनी छवि सुधारने के एक विज्ञापन का सहारा लिया । विज्ञापन में मुख्यमंत्री के साथ अपनी फोटो लगा नेता ने खुद को विकास पुरूष घोषित कर डियस ।। विज्ञापन में उनके द्वारा पुरोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण का श्रेय खुद को दिया गया । साथ ही अक्सर खराब रहने वाली X-रे मशीन का श्रेय भी खुद को दिया गया है । यही नही अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर, फार्मासिस्ट व नर्स की भर्ती का श्रेय भी खुद को दिया गया है ।
लोकप्रियता की चाहत रखने वाले उक्त नेता यही पर नही थमे उन्होंने विज्ञापन में पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़को के गड्ढे भरने का श्रेय भी खुद को दिया है ।
यही नही उन्होंने आपदाग्रस्त आराकोट बंगाण में हो रहे कार्यो का श्रेय भी खुद को दे दिया है । नेताजी के विज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश करते हुए पीएमजीएसवाई के अंतर्गत निर्माणाधीन सड़को का श्रेय भी खुद को दिया गया है ।
कुलमिलाकर पुरोला के उक्त नेता विज्ञापन में मुख्यमंत्री धामी की फोटो लगाकर खुद को उनके समकक्ष का विकास पुरूष दिखाना चाहते हैं । नेताजी ने विज्ञापन के माध्यम से खुद को पीएम मोदी व सीएम धामी के समकक्ष दिखाने की कोशिश की है। देखना ये है कि उक्त विज्ञापन से नेताजी की छवि सुधरती है या ओर बिगड़ती है ।
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