ग्राम प्रधान के चुनाव नही हुये तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे पोखरी के ग्रामीण । चुनाव आयोग की गलती के खामियाजे की सजा ग्रामीण प्रसासक के रूप में भुगतने को मजबूर । गलत आरक्षण देकर पोखरी को प्रधान से वंचित करने वाले अधिकारी को सजा क्यो नही ?

 गजेन्द्र सिंह चौहान पुरोला

विकासखण्ड मोरी की ग्राम पंचायत पोखरी गैर जिम्मेदार अधिकारियों की अज्ञानता व जनता के प्रति जिम्मेदारी की भावना के अभाव के कारण ढाई साल से बिना प्रधान के है । यही नही ग्रामीणों के घावो पर मलहम लगाने के लिए तभी से पंचायत प्रशासक के अधीन चल रही है ।

होना तो ये चाहिए था कि जिन अधिकारियों ने गैर जिम्मेदाराना हरकत की थी उन्हें सजा मिलनी चाहिए पर सजा मिल रही है ग्रामीणों को । बता दे के की पंचायत चुनाव में आरक्षण करते हुए ग्राम पंचायत में आरक्षण देने में भारी चूक हुई जिस कारण प्रधान पद के लिए कोई भी व्यक्ति नामांकन नही कर पाया व प्रधान पद तभी से प्रशासक के अधीन चल रहा है ।

वही ग्रामीण राकेश रावत ने इसे अन्यायपूर्ण कृत्य बताते हुए कहा कि अगर विधानसभा चुनाव से पहले प्रधान का चुनाव नही होते हैं तो ग्रामीणों को मजबूर होकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करना पड़ेगा ।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ