पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्वर्गीय बर्फियां लाल जुवांठा की पुण्य तिथि पर आमजन ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये । इस अवसर पर ओपी नोडियाल, भरत लाल, पीएल हिमानी, दिनेश खत्री, राजेश जुवांठा व दुर्गेश लाल ने पार्टी की राजनीति से हटकर स्वर्गीय जुवांठा के विकास मॉडल पर कार्य करने का आह्वान किया । ।

 गजेन्द्र सिंह चौहान पुरोला

 पूर्व पर्वतीय विकास मंत्री स्वर्गीय बर्फियां लाल जुवांठा की 21 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये । आज ही के दिन 23 नवम्बर 2001 को उनका देहावसान हुआ था । उनकी स्मृति में पुरोला तहसील कार्यालय के निकट स्मृति स्थल बनाया गया है । स्मृति स्थल पर उनकी मूर्ति स्थापना की गई है ।


स्वर्गीय बीएल जुवांठा के ज्येष्ठ पुत्र राजेश जुवांठा, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष  पीएल हिमानी, कांग्रेस विधानसभा प्रभारी दिनेश खत्री ,वन सरपंच संगठन अध्यक्ष जगमोहन रावत, नवक्रान्ति अध्यक्ष लोकेन्द्र कंडियाल, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष रबिन्द्र राणा , पूर्व विधायक प्रत्याशी दुर्गेश लाल व मदन नेगी सहित कई गणमान्य लोगों ने स्मृति स्थल पहुंचकर उनकी मूर्ति पर माल्यापर्ण कर उनकी श्रद्धांजलि अर्पित की ।


इस अवसर पर ओपी नोडियाल, भरत लाल, पीएल हिमानी, दिनेश खत्री, राजेश जुवांठा व दुर्गेश लाल ने पार्टी की राजनीति से हटकर स्वर्गीय जुवांठा के विकास मॉडल पर कार्य करने का आह्वान किया ।


उनके पुत्र राजेश जुवांठा ने कहा कि अच्छे काम करने वालो को जनता सदैव सम्मान के साथ याद करती है, उन्होंने कहा कि विकास के प्रति व्यापक दृष्टिकोण ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है ।


ठेकेदार यूनियन अध्यक्ष मदन नेगी ने उपस्थित नेताओं से स्वर्गीय बीएल जुवांठा के पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए विकास की राजनीति करने का आह्वान किया ।


पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पीएल हिमानी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि स्वर्गीय जुवांठा उनके आदर्श है व वे सदैव उनके पदचिन्हों का अनुसरण करते हैं । उन्ही की प्रेरणा से प्रयास करने से उन्होंने पुरोला जलसंस्थान की डिवीजन खुलवाने में सफलता पाई । यही नही नगर पंचायत अध्यक्ष रहते हुए उनके पदचिन्हों पर चलते हुए सीमित संसाधनों के बावजूद नगर पंचायत के लिए नया भवन व कोई विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाया ।


दिनेश खत्री ने कहा कि पुरोला को विकासनगर से जोड़ने वाली यमुना रोड सहित 3 डिग्री कॉलेज, अस्पताल व कई जन हितेषी योजनाएं जुवांठा जी की देन है, लेकिन गत 20 वर्ष में उनके द्वारा विकास कार्यो से आगे निकलना तो दूर हम उनकी बराबरी तक नही कर पाये ।


दुर्गेश लाल ने कहा कि जब वे छोटी क्लास में पढ़ता था तब उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ, उन्होंने कहा कि कासला से फेताडी तक वे उनका हाथ पकड़ कर चले थे , वे इतने सुगम नेता थे लेकिन आज के नेताओं का हाथ तो दूर उनसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है ।


रेखा नोटियाल जोशी ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के नेता छफुटियो व बटीईयाओ में उलझकर रह गये है, यहां के नेता इतने गिर चुके हैं कि मुख्यमंत्री जब यहां आते हैं तो उनसे छफुटियो की घोषणा कराते हैं ।


बलदेव असवाल ने स्वर्गीय बीएल जुवांठा की श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक विकास पुरूष ही नही अपितु एक दर्शन है, जो  विकास के प्रति हमारा मार्गदर्शन है ।




श्रद्धांजलि देने वालो में पीएल हिमानी, दुर्गेश लाल, प्रदीप राणा, लोकेंद्र कंडियाल, राजेन्द्र शर्मा, कोंशल्या, लोकेश उनियाल, दिनेश गोड,  नीरज राणा, ओपी नोडियाल, मदन नेगी, भरत लाल,, बलदेव असवाल, जयबीर हिमानी, तुसार नोटियाल, विपिन पँवार, संकल दास, संजय पँवार, प्यारेलाल, प्रवीन नेगी, नवीन नेगी, दिलीप नेगी, पप्पू रजवाड़, यशपाल कंडियाल, रोशन दास, राजीव रावत, सुमिन नेगी, महेश  आर्य, मोहब्बत नेगी, संजय पँवार, रबिन्द्र राणा, मनोज हिमानी, प्रताप राणा, बसन्तु लाल, सोहन कुमार, दशरथ नेगी, दीपक हिमानी, कुलदेव चौहान, सुनिल सिंगला, समी बोरियाण, कल्याण चौहान, बिनोद हिमानी, नीरज नोटियाल, राम नारायण , टीपीएस भंडारी, जगमोहन रावत , रघुवीर भवानी , अजय भारती, संजय रावत, नवदीप नोडियाल, महेश बुटोला, प्यारदास भवानी, , व अशोक रावत आदि शामिल रहे ।

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