गजेन्द्र सिंह चौहान पुरोला
पुरोला तहसील के स्वील,ठडुंग,नेत्री, चन्देली,खलाड़ी, पुजेली,करड़ा आदि दर्जनों गांवों में विश्व प्रसिद्ध लाल धान की तैयार फसल राबिबार से हो रही लगातार बारिश के कारण खेतों में ही बर्बाद हो रही है। अचानक हुई भारी बारिश के कारण खेतों में कटा हुवा धान किसान इकठ्ठा कर कुनका नही लगा पाये व अन्य तैयार फैसले भी भारी वर्षा के चलते कटाई न होने से खेतों में ही खराब होने की कगार पर है जबकि लाल धान क्षेत्र की परंपरागत खेती के साथ साथ यंहा की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण जरिया भी है।
वंही उखड़ खेतों में आजकल चौलाई,मंडवा,तिल व दालों की फसल पक कर काटने को तैयार हुई हैं जो लगातार हो रही बारिश से खेतों में ही सड़ने की कगार पर हैं।क्षेत्र में फसलों के साथ साथ आजकल पशुओं के लिए घास काट कर सर्दियों के लिए इकठ्ठा करने का कार्य भी जोरों पर है लेकिन लगातार हो रही बर्षा के चलते वह भी खेतों में ही सड़ रहा है और कुछ काटने को ही रह गया है जिससे क्षेत्र के किसानों में खासी मायूसी फैली है व सर्दियों में घास की कमी होने की चिंता भी काश्तकारों के लिए एक चुनौती है।
क्षेत्र के किसानों अनित राणा, कुलदीप सिंह समाजसेवी, भगत राम, बिजेंद्र मणि, प्रदीप राणा, जगमोहन ठाकुर, अशोक रावत, आदि ने बताया कि अचानक लगातार हुई बारिश के चलते कई लोग खेतों में कटे हुए धान को भी इकठा नही कर पाए जो बारिश से खेतों में ही बिखरा पड़ा है व सड़ने की कगार पर है वंही आजकल चौलाई,मंडवा,दाल आदि कई प्रकार की पारम्परिक फसलें तैयार है जो खेतों में ही खराब होने की कगार पर हैं। उन्होंने सरकार से किसानों पर वर्ष में कई बार पड़ चुकी मौसम की मार को देखते हुए मुआवजे की मांग की है ।
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