अमीर वही हैं जिसका जमीर अभी जिन्दा है ।
राजकीय इंटर कॉलेज धराली में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत मनोज बिजल्वाण ने बाद एक सामान्य चर्चा में कही । कहने को तो ये सिर्फ एक कोट है लेकिन बहुत बड़ा संदेश हमे दे जाता है ।
उन्होंने चर्चा में कहा कि आज स्कूलों में नैतिक शिक्षा को बन्द कर दिया गया है ओर विधार्थियों के चरित्र निर्माण में नैतिक शिक्षा का अहम रोल है, नैतिक शिक्षा उनकी भविष्य की दशा व दिसा तय करती है ।
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उन्होंने कहा कि आज की चुनौतियों के संदर्भ में एक अध्यापक की जिम्मेदारी न सिर्फ विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को पढ़ाना है अपितु पढ़ाई के साथ साथ उनका अच्छा चरित्र निर्माण करना भी है, अध्यापक माता-पिता के बाद सबसे बड़ा मार्ग दर्शक होता है व एक मार्ग दर्शक को पहले खुद का चरित्र निर्माण करना होता हैं । क्योंकि जैसा चरित्र मार्गदर्शक का होगा वैसा ही चरित्र निर्माण अनुसरण करने वाले का होगा ।
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