चीन की एक ओर खतरनाक साजिश , ईरान को 1000 टन सोडियम पर क्लोरेट भेजकर रच रहा है तबाही की साजिश। Another dangerous conspiracy of China, it is plotting destruction by sending 1000 tons of sodium per chlorate to Iran.

हाल ही में, चीन ने ईरान को बड़ी मात्रा में रॉकेट ईंधन के लिए आवश्यक रसायन बेचे हैं, जिससे ईरान की मिसाइल उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। 




पश्चिमी खुफिया सूत्रों के अनुसार, चीन से दो ईरानी जहाजों—'गोलबोन' और 'जैरान'—के माध्यम से लगभग 1,000 टन सोडियम परक्लोरेट ईरान भेजा गया है।  यह रसायन ठोस रॉकेट ईंधन के उत्पादन में उपयोग होता है।  इस मात्रा से लगभग 960 टन अमोनियम परक्लोरेट तैयार किया जा सकता है, जो कि 1,300 टन ठोस ईंधन के बराबर है—यह लगभग 260 मध्यम दूरी की मिसाइलों को शक्ति प्रदान करने के लिए पर्याप्त है, जैसे कि 'खैबार शेकेन' और 'हाज कासिम' मिसाइलें  ।



यह आपूर्ति ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की 'सेल्फ-सफिशिएंसी जिहाद ऑर्गनाइजेशन' के लिए की गई है, जो देश के मिसाइल विकास कार्यक्रम की प्रमुख इकाई है।  इससे संकेत मिलता है कि ईरान अपने मिसाइल उत्पादन को पुनः सक्रिय कर रहा है, विशेषकर पिछले वर्ष अक्टूबर में इज़राइल द्वारा उसके ठोस ईंधन उत्पादन संयंत्रों पर किए गए हमलों के बाद  ।



इस प्रकार की आपूर्ति से क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।  संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन और ईरान की उन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में सहायता कर रही हैं  ।



चीन द्वारा ईरान को रॉकेट ईंधन के लिए आवश्यक रसायनों की आपूर्ति से ईरान की मिसाइल उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सकती है, जिससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है।  यह विकास अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है, विशेषकर परमाणु अप्रसार और क्षेत्रीय स्थिरता के संदर्भ में। 



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