जानकी चट्टी में डोली कंडी मजदूरों का रोटेशन व्यवस्था नहीं होने से कैसे स्थिति बनती है, यहां पर हर गाड़ी पार्किंग और रास्तों में अव्यवस्था फैलाते हैं।
यहां पर जिला पंचायत के अधिकारियों से भी रोटेशन व्यवस्था बनाने की 2 से 3 बार निवेदन कर चुका हूं और पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है लेकिन कोई भी इस अव्यवस्था को लेकर संवेदनशील नजर नहीं आ रहे हैं।
यात्रियों को गाड़ी से उतरने भी नही देते हैं।
यदि डोली कंडी मजदूरों का रोटेशन व्यवस्था बनी होती तो न ऐसी अव्यवस्था फैलती और मज़दूरों को उनकी उचित मजदूरी भी मिलती।
सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि जो अपने स्थानीय घोड़े खच्चर चालक हैं उनके तो रोटेशन व्यवस्था से चल रहे हैं और जो नेपाल से डोली, कंडी के मज़दूर आए हैं उनके लिए की नियम कानून नही न कोई रोटेशन व्यवस्था बनाई गई है , जिससे अपने क्षेत्र के लोग तो 2 से 3 दिन में एक ही चक्कर लगा पा रहे हैं और जो बाहर से नेपाली आए हैं उनमें से कोई एक ही दिन में 2 चक्कर लगा रहे हैं तो कुल मिलाकर ऐसी व्यवस्था है जो न्यायसंगत नहीं है और जब कोई यात्रा व्यवस्था नहीं है तो फिर व्यवस्था शुल्क किस नाम का लिया जाता है
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