शिरगुल महाराज का पवित्र धाम जहां 10 किलोमीटर नंगे पैर पैदल चलकर पहुंचते हैं श्रद्धालु । । 13 वी सदी में मानव रूप में जन्म लेकर शिरगुल महाराज ने तुर्को को परास्त कर जनता को अत्याचारों से दिलाई थी मुक्ति । The holy place where devotees reach by walking 10 kilometers barefoot. Saruk is the holy abode of Shirgul Maharaj. Taking birth in human form in the 13th century, Shirgul Maharaj defeated the Turks and freed the people from atrocities.

 गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला/उत्तरकाशी



डिस्क्लेमर: पुरोला से सरुक तक कि यात्रा के किलोमीटर जानकारी के अभाव में वीडियो में सटीक माप के साथ नही है । कुछ पाठकों ने मैसेज कर बताया है कि पुरोला से कुफारा 8 किलोमीटर सड़क मार्ग है जो कि हमारे द्वारा 5 किमी बताया गया है ।

वही अंकित सरपाल नाम के पाठक जिन्होंने इस दिव्य धाम में भंडारा भी रखा था , उन्होंने जानकारी दी हैं कि मोबाइल एप के माध्यम से उन्होंने पैदल दूरी को 10 किमी मेजर किया है  , जिसमें 4 किमी खड़ी चढ़ाई हैं ।

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