गजेन्द्र सिंह चौहान , पुरोला- उत्तरकाशी
बुधवार को पुरोला में कुमदेश्वर नागराज मंदिर परिसर में अष्टोत्तरशत 108 भागवत कथा का शुभारंभ क्षेत्र के अधिष्ठात्री देवता राजा रघुनाथ मटिया महाशू ओडारु- जखण्डी महाराज के की अध्यक्षता सहित रंवाई घाटी के 21 अधिष्ठात्री देवगणों की उपस्थिति में भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ ।
प्रथम दिवस की कथा प्रारम्भ करते हए व्यासपीठ पर विराजमान मुख्य व्यास आचार्य शिव प्रसाद आचार्य ने भागवत महापुराण के महात्म्य पर प्रकाश डालते हए इस कथा को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताया । ,
यज्ञ संचालक शेखर नोटियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 मई से 6 जून 2023 तक आयोजित हो रहे महायज्ञ में उत्तराखंड सहित विभिन्न क्षेत्रों से आये 108 कथा वक्ताओं व ब्राह्मणों देवताओं के द्वारा भागवत कथा का मूलपाठ किया जा रहा है । भागवत के महात्म्य पर जानकारी देते हुए आचार्य लोकेश बडोनी मधुर ने कहा की विश्व शान्ति मानव कल्याण व पितृ मोक्षार्थ हेतु धर्म अध्यात्म भारतीय संस्कृति का महाकुंभ है । राष्ट्र ऋषि यमुनापूत्र आचार्य शुरेश उनियाल महायज्ञ की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा की "सकल लोक जग पावनी गंगा।। मानव कल्याण व लोक परलोक में सुखशांति के लिए इस प्रकार के यज्ञ समय समय पर आयोजित हो ऐसा भगवान शिव मां पार्वती को बताते हैं ।
अष्टोत्तरशत भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिवस व कलश यात्रा के माध्यम से नागराज मंदिर समिति अध्यक्ष उपेन्द्र असवाल, व्यापार मैनफल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान, प्रवेश बहुगुणा, सचिदानंद नोटियाल, त्रेपन रावत, बरदेव नेगी, बलदेव नेगी, अनिल नोडियाल, वीरेन्द्र चौहान, गोविंद चौहान, आकाश भारद्वाज, चंद्रमोहन कपूर सहित सैकड़ों लोगों ने भागवत रस का आनंद लिया ।
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