समान नागरिक संहिता पर राय सुमरी हेतु पुरोला में पूर्व प्रमुख सचिव शत्रुघन सिंह ने गोष्ठी में कानून को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर सामाजिक कार्यकर्ताओं व कानूनविदों की जानी राय ।


गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला

समान नागरिक संहिता की अवधारणा  से देशभर में एकरूपता लानें को प्रदेशभर के आमजनता , जनप्रतिनिधियों व बार संघ आदि संगठनों से राय सुमारी सुझाव   करनें को गठित प्रदेश समान नागरिकता संहिता प्रदेश समिति के तत्वावधान गुरूवार को रवांई घाटी के पुरोला में समिति के सदस्यों ने प्रतिनिधियों से रायसुमारी को चर्चा एवं परिचर्चा के माध्यम से लोगों के सुझाव आमंत्रित किए गए।


       समिति के सदस्य उत्तराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने समान नागरिकता संहिता के तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश में हिन्दू,मुस्लिम,ईसाई एवं सिख आदि धर्मों की शादी व व्याह  समेत धार्मिक,आर्थिक,संपत्ति विवाद एवं अधिकार को लेकर भिन्न निजी नियम हैं जिस के लिए समान नागरिकता संहिता की आवश्यकता है।

  चर्चा में सामाजिक कार्यकर्ता राजपाल पंवार तथा अधिवक्ता

शरद रावत ने लिविंग रिलेशन में रह कर पैदा होने वाले बच्चों को अधिकार देने के लिए एक कानून बने जबकि बलदेव सिंह रावत ने लिविंग रिलेशन को अपराध घोषित करनें का कानून बनाने का सुझाव दिया।

      लिविंग रिलेशन में पैदा होने वाले बच्चों के अधिकारों को लेकर समिति सदस्य दून विश्वविद्यालय की उपकुलपति रेखा डंगवाल के बारे में अधिवक्ता महेंद्र पंवार,बलदेव सिंह रावत ने  सभी धर्मों की शादियों का आवश्यक पंजिकरण,शादी की उम्र 21वर्ष व विधवा-तलाक सुदा के लिए पूर्न विवाह की अनुमति को कानून बनें। स्कूल व संगठनों में डेरस कोड को अनिवार्य समान नागरिकता संहिता के अंतर्गत लानें का सुझाव दिया।

       बच्चों के रहते हुए मां-बाप एवं वर्तमान में गांव देहातों में बुर्जुगों की बदहाली को लेकर भरण-पोषण,पेतृक संपत्ति पर औलाद का अधिकार मां-बाप की सहमति पर हो तथा भरण पोषण साथ मां-बाप की सेवा-देखभाल का अनिवार्य कानून बनें साथ ही पति के मरनें या तलाक के बाद दूसरी शादी करनें

के बाद पूर्व पति की संपत्ति पर उस महिला का कोई अधिकार  न हो का कानून बनें।

   किसी भी धर्म व जाति के लिए शादी,दो बच्चे, संपत्ति आदि सभी के लिए एक समान नागरिकता संहिता लागू हो।

          क्षेत्र प्रमुख रीता पंवार एवं प्रधान अनीता ने सैनिकों के शहीद होने पर मिलने वाली सहायता एवं तमाम सरकारी फंड पर नामित पत्नी के साथ मां-बाप के अनिवार्य अधिकार को सख्त कानून बनें।

         चर्चा में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं,प्रतिनिधियों ने समान नागरिकता संहिता को लेकर कई सुझाव दिए।

    इस अवसर पर समिति के सदस्य मनू गौड,राजपाल पंवार,

बिरेंद्र राणा,बलदेव रावत,अंकित रावत,रीता पंवार व अनिता 

शरद रावत,रविन्द्र रावत, महेंद्र पंवार, एसडीएम जितेंद्र कुमार

बीडीओ राजेंद्र प्रसाद जोशी।

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