महायज्ञ के षष्ठम दिवस पदम् पुराण की कथा में वामन अवतार का सजीव वर्णन, मुख्य यजमान नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने महायज्ञ के अमृत सरोवर में डुबकी लगाने का किया आह्वान

 गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला


 पग छोटे होने से कोई फर्क नही पड़ता , अगर लक्ष्य ऊंचा हो तो उसमें न शरीर बाधा बनता है ओर न कोई बाहरी दबाव । गुरुवार को पुरोला में आयोजित हो रहे अष्टादश महापुराण महायज्ञ के षष्ठम दिवस पर पदम् पुराण की कथा सुनाते हुए व्यासपीठ पर विराजमान 18 महापुराणों के वक्ताओं में से पदम् पुराण के वक्ता आचार्य रोशन जगूड़ी ने भगवान नारायण के वामन अवतार की लीला का सजीव वर्णन कर कथा का श्रवण कर रहे समस्त भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया ।


उन्होंने वामन अवतार के जन्म व राजा बली से 3 पग भूमि दान में मांगे जाने की कथा सुनाते हुए कहा कि अहंकार व अभिमान विनाश को जन्म देते हैं, जिसने भी अहंकार व अभिमान किया उसका विनाश होना तय है । अहंकार व अभियान की जब जब अति हुई तब भगवान शरीर रूप धारण कर भक्तों की रक्षा करते हैं । उन्होंने कहा कि भगवान ने भक्तों की रक्षा के लिए मानव ही नही अपितु बराह व मत्स्य अवतार तक लिया है ।

महायज्ञ के मुख्य व्यास आचार्य शिवप्रसाद नोटियाल ने व्यासपीठ से समस्त धर्मपरायण जनता को गंगा दशहरा के पावन पर्व की शुभकामनाएं देते हुए माँ गंगा के धरती पर अवतरण की कथा सुनाई । इस अवसर पर मुख्य यजमान नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने समस्त जनमानस ने महायज्ञ के अमृत सरोवर में डुबकी लगाने का आह्वान किया । 

महायज्ञ में बड़ी संख्या में दूर-दूर से पहुंच रहे श्रद्धालु व भगतजन कथा श्रवण के साथ - साथ पुरोला व बनाल क्षेत्र के 12 ईष्ट देवताओं के भी दर्शन कर धन्य हो रहे हैं ।

इस अवसर पर मन्दिर समिति के अध्यक्ष बृजमोहन सजवाण, उपेन्द्र असवाल, जयबीर रावत, ओपी नोडियाल, लोकेश उनियाल, चंद्रशेखर नोटियाल, नवीन गैरोला आदि भक्तगण मौजूद रहे ।

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