पुरोला विधानसभा में राजकुमार व मालचंद के बीच महा मुकाबले का काउंटडाउन। दोनों ही दो बार के विधायक । अतीत में दोनों को ही निर्दलीय लड़ने पर हार का स्वाद चखना पड़ा ।

 गजेन्द्र सिंह चौहान पुरोला



जिस बात की लंबे समय से कयास लगाया जा रहे हैं वो घड़ी आखिर कल दोपहर में आ ही गई । जब निवर्तमान विधायक राजकुमार विजय संकल्प यात्रा के माध्यम से अपनी ताकत दिखा रहे थे ठीक उसी वक्त, पूर्व विधायक मालचंद दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर रहे थे ।


राजकुमार के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने के बाद पार्टी में मालचंद असहज हो रहे थे ,इसी वजह से उनके समर्थक उन्हें कांग्रेस में जाने की सलाह दे रहे थे ।


कल एकतरफ जहां भारी भीड़ जुटाकर राजकुमार ने अपनी ताकत का एहसास कराया वही मालचंद समर्थकों ने उनके कांग्रेस में सामिल होने की खुशी में जमकर आतिशबाजी कर मिठाईयां बांटी ।


खैर अभीतक पुरोला विधानसभा में चुनावी सरगर्मी आसन्न विधानसभा चुनाव के बावजूद नगण्य थी पर अब राजनीति के दोनों खिलाड़ियों के अलग अलग खेमो में जाने से राजनीतिक पारा चढ़ चुका है ।


आपको जैसे कि विदित है कि मालचंद दो बार भाजपा के टिकट पर पुरोला से विधायक बने हैं ओर वे एक बार निर्दलीय चुनाव लड़े है पर वे तब जीत अपने नाम नही कर पाये ।


वही राजकुमार भाजपा के टिकट पर एकबार सहसपुर से चुनाव जीते हैं व दूसरी बार पुरोला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हैं । एक बार टिकट न मिलने पर उन्होंने पुरोला से निर्दलीय चुनाव लड़े पर उस वक्त उन्हें हार का सामना करना पड़ा है ।


दोनों ही महारथियों का इतिहास लगभग समान है, दोनों ही दो बार विधायक रह चुके व दोनों ही निर्दलीय चुनाव लड़कर हार का स्वाद चख चुके हैं ।

अतीत के अनुभवों के आधार पर दोनों ही निर्दलीय चुनाव नही लड़ना चाहते इसलिए एक नए बीजेपी तो दूसरे ने कांग्रेस का दामन थामना उचित समझा ।

खैर इस महामुकाबले का असली फैसला तो जनता जनार्दन को तय करना है , देखते है आगे ऊंट किस तरफ करवट बदलता है ।


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