जनपद का सीमांत गांव जादूंग बनेगा सीमांत पर्यटन का नया केंद्र : डीएम प्रशांत आर्य। The border village of the district, Jadung, will become the new center of border tourism: DM Prashant Arya

जादूंग (उत्तरकाशी), 5 अक्टूबर 2025।

भारत-तिब्बत सीमा से लगे जनपद का सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर है। यहां स्थानीय नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार से जोड़ने के साथ-साथ विभिन्न विकास कार्य तेजी से जारी हैं।



रविवार को जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जादूंग गांव का स्थलीय निरीक्षण कर निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समयबद्धता और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण से पूर्व डीएम ने सीओ आईटीबीपी एवं अन्य अधिकारियों के साथ समसामयिक विषयों पर भी चर्चा की।


डीएम ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में पारंपरिक शैली के 6 होम स्टे का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि दूसरे चरण में 8 और होम स्टे बनाए जाएंगे। कुल 14 होम स्टे के निर्माण से जादूंग गांव आने वाले पर्यटकों को आधुनिक ठहराव सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।


उन्होंने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान जादूंग गांव खाली कराया गया था, हालांकि स्थानीय ग्रामीण अब भी अपने देवस्थानों की पूजा के लिए यहां आते हैं। अब वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत गांव में बुनियादी ढांचे के विकास, पर्यटन सुविधाओं के विस्तार और आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य किया जा रहा है।


डीएम ने विश्वास जताया कि निकट भविष्य में जादूंग गांव सीमांत पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।


निरीक्षण के दौरान सीडीओ एस.एल. सेमवाल, सीओ आईटीबीपी भानुप्रताप सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी के.के. जोशी, समन्वयक आपदा जय पंवार, कपिल उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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