श्री कमलेश्वर महादेव महात्म्य पत्रिका का लोकार्पण । पत्रिका के संपादक शिक्षक चंद्रभूषण बिजल्वाण ने पौराणिक तथ्यों, मान्यताओं, आस्था व विश्वास के प्रतीक कमलेश्वर धाम को बताया उत्तराखंड का पांचवां धाम । Launch of Shri Kamleshwar Mahadev Mahatmya magazine. The editor of the magazine, teacher Chandrabhushan Bijalwan, described Kamleshwar Dham, a symbol of mythological facts, beliefs, faith and belief, as the fifth Dham of Uttarakhand.

 कमलेश्वर महादेव महात्म्य  पत्रिका का लोकार्पण 

नगर पंचायत हॉल पुरोला में कमलेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा कमलेश्वर महादेव महात्म्य  पर पत्रिका प्रकाशित की गई  ।पत्रिका का लोक अर्पण मुख्य अतिथि सत्येंद्र सिह राणा भाजपा जिला अध्यक्ष ,प्रोफेसर ए के  तिवारी प्राचार्य राजकीय स्ना महाविद्यालय पुरोला ,उप जिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा जी के कर कमलों द्वारा किया गया  ।


इस अवसर पर सत्येंद्र राणा ने कहा कि मंदिर समिति की यह पहल सराहनीय है । इससे क्षेत्र के प्रसिद्ध धाम कमलेश्वर महादेव जी के प्रति जनमानस की अस्था और विश्वास बढ़ेगा । प्राचार्य ए के तिवारी ने कहा कि क्षेत्र के सांस्कृतिक विकास, धर्म साहित्य के प्रति आस्था विश्वास को जगाने के लिए पत्रिका का प्रकाशन एक सराहनीय पहल है ।

पूर्व समिति अध्यक्ष डॉ राधेश्याम बिजल्वाण ने कहा कि कमलेश्वर महादेव महात्म्य  पर पत्रिका का प्रकाशन का उद्देश्य धर्म, संस्कृति संरक्षण और भगवान भोलेनाथ के प्रति समाज में जागृति पैदा करने का है । पत्रिका के संपादक चंद्रभूषण बिजल्वाण ने कहा कि पत्रिका के माध्यम से जहां एक और कमलेश्वर महादेव जी की पौराणिक तथ्यों ,मान्यताओं ,आस्था विश्वास से कमलेश्वर महादेव रवांई घाटी का ही नहीं बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड का पांचवा धाम है । जन मानस की आस्थाऔर विश्वास है कि कमलेश्वर महादेव में सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है । मुझे खुशी इस बात की है कि जहां एक और प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा जी की लखनी से लेख लिखे हैं । वहीं नवोदित पत्रकार ,कवियों लिखको को  भी स्थान मिला है । 

भाजपा नेता लोकेश उनियाल, पत्रकार सुनील थपलियाल,ओंकार बहुगुणा ,जयप्रकाश बहुगुणा ,बलदेव भंडारी,  राकेश रतूड़ी,प्रेम पंचोली, नीरज उत्तराखंडी के लेख कविताओं के साथ ही महिलाएं भी पीछे नहीं है प्राधानाचार्या श्ऋत्मभरा सेमवाल,कुलवंती रावत, आनंद भारती ,राजुली बत्रा,अनुश्री, श्रीमती कौशल्या बिजल्वाण जैसी कवित्री, लेखिकाओं को भी पत्रिका में स्थान मिला है ।यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है जहां एक  ओर विद्वान व्यास शिव प्रसाद शास्त्री, आयुष कृष्ण नयन,  दिवाकर दत्त जोशी, राजेंद्र बापू, संजीव शास्त्री जी हैं वही वयोवृद्ध साहित्यकार खिलानंद बिजल्वाण ,जयप्रकाश गैरोला, डॉ राधेश्याम बिजल्वाण ,अनोज बनाली ,विजय राणा ,प्रदीप रवांल्टा ,जयप्रकाश सेमवाल,  जगमोहन रावत,साहित्यकार महावीर रवांल्टा , प्रो आर एस असवाल, डाॅ प्रहलाद रावत ,किशन दत रतूड़ी, डाॅ आशाराम बिजल्वाण,ध्यान सिंह रावत, दिनेश रावत, शांति प्रसाद बिजल्वाण,पार्थ उनियाल, ध्रुव कुमार राठी श्रीमती सीमा राठी,  विजयपाल रावत,प्रेम पंचोली ,चंद्र भूषण बिजल्वाण सहित  पत्रिका में 51 कवि लेखकों के अपने-अपने अनुभवों को एक पत्रिका रूपी माला में पिरोने का सौभाग्य आप सभी के स्नेह प्यार और आशीर्वाद  से प्राप्त हुआ है ।  इस अवसर पर  युद्धवीर सिंह रावत,लोकेश बडोनी , राजेश सेमवाल , श्रीमती  मोनिका नेगी ,शांति प्रसाद बिजल्वाण ,राजपाल पंवार,पवन नौटियाल,काम्या,मोहबत सिंह, कृष्णा रावत, रामस्वरूप वर्मा,हरीश बिजल्वाण प्रेम बिजल्वाण, गोविंद राम नौटियाल, कविता ‌जैन, कुलवंती रावत सहित ‌विद्वान साहित्यकार, कवि, लेखकों ने भाग‌ लिया ।चंद्रभूषण ने सभी मुख्य अतिथियों,  पत्रकारों,आगंतुकों ,गणमान्य व्यक्तियों, मंदिर समिति के सभी सम्मानित सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया ।

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