आज का व्यंग्य,
गजेन्द्र सिंह चौहान
पुरोला के नेता , अभिनेता व अधिकारी अजब गजब कारनामो के लिए पूरे उत्तराखंड में प्रसिद्ध है । बात चाहे गरीब घर मे पैदा होने के बावजूद चुनाव जीतने की हो या जनप्रतिनिधि बनने के बाद रातों रात करोड़पति बनने की हो, यहां के नेताओं की चर्चा हमेशां से ही मनोरंजन का विषय रहा है ।
आज हम एक ऐसी सड़क की बात कर रहे हैं जिसके निर्माण हुए लगभग 40 वर्ष हो गए हैं । 40 साल बीत जाने के बाद भी सड़क अपने गंतव्य स्थान तक नही पहुंच पाई है । 40 साल में पुरोला के होनहार नेता मात्र 1 या 2 किलोमीटर सड़क का निर्माण नही कर पाए । जिसकारण आमजन को उक्त गंतव्य स्थान के लिए सड़क मार्ग से 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है । पुरोला के नेता इस बात के लिए शर्मिंदा होने की अपेक्षा सड़क के अनुरक्षण के कार्य को सुरु करने के लिए बाकायदा टेंट लगाकर भाषण देते हैं वो भी उस काम के लिए जो एक नियमित प्रकिया का हिस्सा है व आम है ।
यही नही वहां से एक नेता ये दावा करते हैं कि पुरोला के अस्पताल की X-रे मशीन को उन्होंने ठीक करवाया । यहां पर ये भी बता दे कि पुरोला अस्पताल की X-रे मशुन अक्सर खराब रहती है । उक्त मशीन के खराब होने का सीधा संबंध मशीन को ठीक करवाने का दावा करने वाले नेता के प्रिय दो डॉक्टरों से है ।
कुल मिलाकर 40 साल पहले बनी सड़क का विधिवत पूजन करने वाले पुरोला के उक्त नेता ने अब तक के सभी नेताओं को पछाड़ दिया है । आज उनके रूप में पुरोला की जनता को विकास पुरूष स्वर्गीय बीएल जुवांठा नजर आ रहे हैं ।
यही नही एक नेता तो इससे भी आगे निकल गये है , उन्होंने तो आपदा की मार झेल रहे इलाकों के पुनर्निर्माण कार्यो में भी पार्टनरशिप कर रखी है । कुल मिलाकर पुरोला के नेताओं की महानता जगजाहिर है व इसकी चर्चा जगजाहिर है ।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख एक व्यंग्य है व इसका किसी व्यक्ति विशेष, नेता, अभिनेता व अधिकारी से कोई सीधा संबंध नही है ।
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