नाबालिग अपहरण प्रकरण, अभियुक्त के बुरे कर्मो की सजा भुगतने को विवश 10 से अधिक व्यापारियों ने खाली किये प्रतिष्ठान । दसको पहले आकर बसे व्यापारियों के लिए कर्म व जन्मभूमि पुरोला को त्यागना हुआ मुश्किल ।

गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला/उत्तरकाशी

गत माह पुरोला से नाबालिक लड़की के अपहरण प्रकरण से उपजे जन आक्रोश को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय होने के बावजूद भी समुदाय विशेष के लोग अपनी दुकानों को खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं । जिस कारण कुछ व्यापारी दुकानें खाली कर  सामान को समेट अन्यत्र शिफ्ट कर रहे हैं। अभी तक 3 क्रोकरी,एक मोबाइल रिपेयरिंग,एक फर्नीचर्स,1 रजाई गद्दा,1आइस्क्रीम, 1सब्जी भंडार व गारमेंट्स शॉप  सहित कुल 11 दुकानदारों ने दुकानें खाली कर अपना सामान अनयन्त्र ले गये हैं । जन आक्रोश को देखते हुए रविवार को भी एक गारमेंट्स व्यापारी  सामान समेटते दिखे ।


 पुरोला में रजाई गद्दा, फर्नीचर, मोबाइल, मेकेनिक, बारबर व क्रॉकरी आदि का व्यवसाय करने वाले समुदाय विशेष की लगभग 3 दर्जन दुकानदार थे ।  विगत माह में घटित नाबालिक लड़की अपहरण प्रकरण के बाद पुरोला के साथ जनपद के विभिन्न हिस्सों में हुए धरना प्रदर्शन से सम्पूर्ण रंवाई घाटी में जनाक्रोश बढ़ते देख समुदाय विशेष के कारोबारी अपनी दुकानें बंद कर अन्य विस्थापित होने का शिलशिला जारी है जबकि स्थायी तौर पर दशकों से क्षेत्र में अपना कारोबार करने वाले कई व्यापारी यंही हैं हालांकि दुकाने उन्होंने भी अभी बंद रखी हैं। दसको पहले आकर बसे व्यापारियों का कहना है कि पुरोला उनकी जन्म व कर्मभूमि है व वे यहां की मिट्टी से उतना ही प्यार करते हैं जितना कि यहां निवास करने वाले अन्य लोग ।

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