विधायक द्वारा की गई शिकायत निकली बेबुनियाद । देहरादून से प्रकाशित दैनिक समाचार में उद्यान विभाग के अधिकारियों के हवाले से हुआ पटाक्षेप । स्थानीय स्तर पर मेधावी विशेषज्ञों की मौजूदगी के बावजूद कश्मीर के कॉन्ट्रेक्टर के साथ हुआ अनुबंध को बताया नियमानुसार ।

 गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला- उत्तरकाशी

सोशल मीडिया पर पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है , जिसमें वे जरमोला स्तिथ राजकीय उद्यान में पौध रोपण के तरीकों व राज्य से बाहर से लाई गई पौधों पर सवाल उठा रहे हैं ।

स्थानीय जनता में भी राज्य के बाहर से लाई गई पौधों को लेकर अंसतोष है व इस बाबत कई बार ज्ञापन भी प्रेषित किये जा चुके हैं । जनता की शिकायतों को लेकर ही विधायक ने जरमोला उद्यान का औचक निरीक्षण किया । विधायक के निरीक्षण के बाद जरमोला उद्यान के अधिकारी ने नर्सरी में कमियों को स्वीकारा व कमियों को दूरकर पुनः विधायक से निरीक्षण कराने की बात कही है ।

इस सबके बावजूद बरिष्ठ पत्रकार राधेकृष्ण उनियाल ने देहरादून से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र की कटिंग व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर विधायक के सभी आरोपो का पटाक्षेप कर दिया है । अखबार में छपी खबर के मुताबिक बुधवार को विभाग के अधिकारियों ने जरमोला उद्यान की जॉच कर विधायक द्वारा लगाए गये सभी आरोपो को निराधार बताया है ।

 अखबार के हवाले से अधिकारियों ने कश्मीर की फर्म को ठेका देना नियमानुसार बताया है व 63200 सेब के पौधों की नर्सरी में किसी भी तरह की अनियमितता नही पाई है । अखबार के हवाले से ये भी पता चला है कि उद्यान में कुल 4100 सेब के पौधों का रोपण किया गया है जिनमेसे 132 पौधे सुख गये है ।

विधायक की बात में सत्यता है या अखबार में छपी खबर पर विश्वास करे लेकिन आम जनता को दाल में बड़ा झोल नजर आ रहा है । स्थानीय जनता सवाल कर रही है कि  स्थानीय स्तर पर नर्सरी का कार्य करने वाले मेधावी किसान व बागवानो के होने के बावजूद सरकार द्वारा कश्मीर का रुख करना संदेह पैदा कर रहा है ।

बरहाल देखना ये है कि भ्रष्टाचार का जीन किस कदर करवट लेता है , कौन चुप होता है व कौन आवाज उठाना जारी रखता है ।



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