राज्यात्मा की एकमात्र आवाज़ हैं भू-क़ानून.
हिमांचल की तर्ज़ पर हों भू-क़ानून की मांग को लेकर अनसन का आज इक्कीसवा दिवस जारी रहा.. दीनदयाल उपाध्याय जनता पार्क नजदीक तहसील चौक देहरादून में...
भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान उत्तराखंड और कई संगठनों के अपार समर्थन प्राप्त होने से अनसन में और बल प्राप्त हों रहा हैं उत्तराखंड रक्षा मोर्चा सहित राज्य के मातृशक्तियों के भारी संख्याबल का अनसन को लगातार समर्थन प्राप्त हों रहा हैं राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली मातृशक्ति को भी अब गहराई से समझ आ गयी हैं और बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है।
आजके मुख्य कार्यक्रम में सभी संग़ठन ने बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया। उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा, यूकेडी, युवा वाहिनी, भारतीय गौ क्रांति मंच, आदि बहुत से संग़ठन ने अपनी सहमति दी।
सभी संग़ठनो ने एक आवाज में कहा उत्तराखंड मे भी हिमांचल प्रदेश जैसा भू-क़ानून नहीं लगेगा तो उनके नौनीहालों का भविष्य अंधकार की तरफ चले जायेगा , प्रदेश में बढ़ती मजार मस्जिदो का फैलता जाल, लव जिहाद आदि बहुत मुदे है। प्रदेश मे ऐसा डर और भय अब मातृशक्ति की आँखो में साफ़ साफ़ देखा जा सकता हैं इसी भविष्य की डर को देखते हुए मातृशक्ति अधिक से अधिक संख्या मे लगातार पहुंच रही हैं
अभियान ने मातृशक्तियों को ऊपर मंच दिया गया हैं बाकी सब सम्मानित गण ज़मीन में बैठकर ही अपनी आवाज़ को बुलंद कर रहें हैं।
अनसन में बैठने वाली मातृशक्तियों ने खूब बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। निर्मला, यशोदा,
कल्पिश्वेरी देवी, रेखा रावत, शीरा देवी, सुलोचना रामेश्ववरी, शोमागा, रुची डबराल, आशा नौटियाल, सरिता जुयाल, गुड्डी थपलियाल, कामेश्वरी जुयाल,
रेवती बिष्ट उषा नेगी, आशा डंगवाल, सुलोचना मंडोलिया,
कृष्णा मिश्रा, ललित जोशी, यशवंत रावत, कुसलानन्द सेमवल, भूपिंदर बर्थवाल, लक्ष्मी प्रशाद थपलियाल, अभिषेक सेमवल, शोहन लाल भट्ट रमेश पेटवाल, आंनद सिंह, विनोद लेखवार, अभिषेक डोबरियाल, गौरब नौटियाल, राज कमल मखोलोगा,एस पी जुयाल, आदि सभी सदस्य मौजूद थे।
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