पुरोला के आंचल में
छोटा सा मेरा ग्राम है
ठंडा सा मौसम यहाँ पर
नौरी जिसका नाम है
स्वर्ग से भी सूंदर है
मेरा प्यारा नौरी गांव
ठंडी ठंडी हवा यहां पर
ठंडी ठंडी है पेड़ों की छांव
सीढ़ीनुमा खेत यहां पर
छायी हुई हरियाली है
आलू, मटर, गेहूं, धान की
फसल बड़ी निराली है
लोग यहां के सीधे-सादे
बड़े भोले इंसान हैं
एक-दूसरे की मदद के लिए
ये हरपल तैयार हैं
बालकवि
धीरेंद्र सिंह चौहान
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