बड़कोट,
अश्व कल्याण परियोजना (ब्रुक इंडिया) के तत्वावधान में बड़कोट क्षेत्र के पोंटी पुल में अश्वपालक नालबंदों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण में सहायक परियोजना अधिकारी प्रशान्त कुमार, एसटीएफ गुलशेर, फील्ड असिस्टेंट श्रीमती ज्योति एवं श्री विनोद कुमार ने पाँच गाँवों से आए प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रार्थना के साथ हुआ। तत्पश्चात सहायक परियोजना अधिकारी प्रशान्त कुमार ने प्रशिक्षण के उद्देश्य एवं अश्व पैरों की महत्वत्ता पर विस्तार से जानकारी दी। श्रीमती ज्योति एवं श्री विनोद द्वारा अश्व जागरूकता गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
गुलशेर ने सूम में होने वाली बीमारियाँ जैसे थ्रश कैंकर, सेंड क्रैक, ग्रस क्रैक आदि तथा नालबंदी के औजारों के बारे में जानकारी दी। PRA टूल के माध्यम से सूम का मॉडल बनाकर रोग-प्रभावित हिस्सों को समझाया गया। इसके साथ ही पाँच अश्वों पर नालबंदी का व्यावहारिक प्रदर्शन भी किया गया।
सहायक परियोजना अधिकारी प्रशान्त कुमार ने खेल गतिविधि के माध्यम से नालबंदी की महत्वत्ता को अनुभव कराया। उन्होंने बताया कि जैसे मनुष्य के पैरों पर गलत आकार का जूता पहनने से प्रभाव पड़ता है, वैसे ही अश्वों के सूम में सही आकार की नाल लगाना आवश्यक है।
प्रशिक्षण के अंत में श्रीमती ज्योति ने प्रतिभागियों से फीडबैक लिया और आगामी कार्ययोजना तैयार की। इसके उपरांत कार्यक्रम का औपचारिक समापन किया गया।
इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में मनोज कुमार, प्रवेश, मनमोहन सिंह रावत, केदार राणा तथा कुलवंत सिंह सहित पाँच गाँवों के अश्वपालक नालबंदों ने भाग लिया।
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