एक कलाकार जिसने रंवाई की समृद्ध संस्कृति को पेंटिंग से माध्यम से जीवंत An artist who brought alive the rich culture of Ranwai through painting.

गजेन्द्र सिंह चौहान, पुरोला/ उत्तरकाशी

 संदीप कुमार की पेंटिंग आजकल चर्चा में है। संदीप ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय छाड़ा में वॉल पेंटिंग का कार्य किया । जिसमें सरस्वती मां, चंद्रयान-3 , कमलेश्वर महादेव,अंग्रेजी, हिंदी वर्णमाला ,गिनती, पहाड़ों के साथ ही गणित जैसे विषयों पर पेंटिंग बनाई है लेकिन जो पेंटिंग चर्चा में है वह हमारी संस्कृति हमारी विरासत में रवांई के महा पर्व देवलांग की पेंटिंग बहुत ही सुंदर बनी है । प्रधानाध्यपिका  कौशल्या बिजल्वाण बताती है कि संदीप एक बहुत अच्छे कलाकार हैं।इनकी‌ पेंटिंग  इतनी‌ सुन्दर मनमोहक होती‌ है‌कि लोग देखते ही रह जाते हैं ।हमारे विद्यालय में इस कार्य हेतु कोई बजट नहीं होता है, लेकिन  चंद्रभूषण बिजल्वाण जी के प्रेरणा एवं सहयोग से मेरा विद्यालय आज सुंदर लगने लगा है । विकासखंड शिक्षा अधिकारी अजीत भंडारी कहते हैं कि चंद्र भूषण बिजल्वाण  सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक पूर्व में भी अपने विद्यालय में बहुत सुंदर पेंटिंग बनवा चुके हैं। बिजल्वाण हमारे शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत है।


चंद्रभूषण बिजल्वाण बताते हैं कि हमारे सरकारी विद्यालयों में गरीब समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं मेरा उद्देश्य रहा है कि गरीब अभिभावक और छात्रों में हीन भावना ना आए। इसलिए कोशिश है कि हमारे विद्यालय स्वच्छ साफ सुथरे हों, अच्छा स्टाफ हो ताकि अभिभावक हमारे विद्यालय में अपने पाल्यों को भेजने में अपने को गौरवान्वित महसूस करें। विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्षा  सुरमा एवं अध्यापक गणेश रतूड़ी सहित सभी‌ सदस्यों ने विद्यालय के‌ सौन्दर्यकरण के साथ ही देवलांग वाली पेंटिंग की प्रसंशा कर  संदीप कुमार ‌ व चन्द्र भूषण बिजल्वाण को बधाई एवं शुभकामनाएं

 पेंटिंग मे रवांई की‌ वेशभूषा, स्थानीय व्यंजन, चूड़ा कूटने का दृश्य, चूड़ा भून ने,तांदी नृत्य, देवलांग का प्रकाश जो अंधकार( अमावस्या की रात) ‌पर प्रकाश की‌ विजय  याअसत्य पर सत्य की‌ विजय  का महा‌ पर्व है‌‌ देवलांग 

असतो मा सद्गमय ।

तमसो मा ज्योतिर्गमय ।

मृत्योर्मा अमृतं गमय ।


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